All India BEd Teacher News : जय हिन्द दोस्तों आज आप सभी को इस आर्टिकल के माध्यम से बताऐंगे कि सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के बीएड डिग्रीधारियों को बड़ा झटका दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने रीट लेवल 1 शिक्षक भर्ती को लेकर बीटीसी और बीएड के बीच चल रहे विवाद में बीटीसी के हक में फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केवल BTC डिप्लोमा धारक ही तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा यानी लेवल वन के लिए पात्र माने जाएंगे. बीएड डिग्री धारक प्राइमरी शिक्षक भर्ती (कक्षा 1-5 तक) के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का असर अन्य राज्यों पर भी पड़ेगा.
जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने इस संबंध में फैसला सुनाया है. इसी के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के 30 मई 2018 के उस नोटिफिकेशन को भी रद्द कर दिया है, जिसमें बीएड डिग्री धारकों को भी रीट लेवल वन के लिए योग्य माना गया था. एनसीटीई के इस नोटिफिकेशन के बाद ही पूरे विवाद ने जन्म लिया था.
BTC डिप्लोमा धारक पहुंचे थे हाईकोर्ट
एनसीटीई के इस नोटिफिकेशन को BTC डिप्लोमा धारकों ने राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. जिसके बाद हाईकोर्ट ने डिप्लोमा धारकों को ही लेवल 1 के योग्य माना था. अब सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के इस फैसले पर मुहर लगा दी है. इस फैसले के बाद केवल बीटीसी करने वाले उम्मीदवार ही प्राइमरी स्कूलों में टीचर बन पाएंगे. वहीं बीएड डिग्री धारक लेवल वन भर्ती की रेस से बाहर हो जाएंगे.
जानिए पूरा मामला
राजस्थान सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के लिए एक भर्ती निकाली थी. जिसमें सरकार द्वारा बीएड अभ्यर्थियों को इस भर्ती के लिए अयोग्य घोषित किया गया था. राजस्थान सरकार के इस फैसले के खिलाफ अभ्यार्थियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. अब सुप्रीम कोर्ट ने भी राजस्थान सरकार के फैसले को सही बताया है. न्यायमूर्ति अनिरुद्ध कुमार बोस की अध्यक्षता वाली बेंच ने राजस्थान सरकार की इस पॉलिसी को सही ठहराते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले पर अपनी मोहर लगा दी है.
NCTE के नोटिफिकेशन के बाद शुरू हुआ था विवाद
बीएड बनाम बीएसटीसी विवाद NCTE द्वारा वर्ष 2018 में जारी की गई एक अधिसूचना के बाद शुरू हुआ था. जिसमें कहा गया था कि राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (REET) के लेवल-1 परीक्षा के लिए बीएड डिग्रीधारक इस शर्त पर योग्य होंगे। जबकि वे परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद 6 माह का ब्रिज कोर्स करेंगे। इसे लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय में पक्ष और विपक्ष दोनो तरफ से याचिकाएं दायर हुई थीं, जिसमें कोई फैसला नहीं आ पाया था. राजस्थान सरकार ने REET 2021 का नोटिफिकेशन जारी किया तो उसमें B.Ed डिग्रीधारकों कोई शर्त के साथ परीक्षा में बैठने का मौका दिया की आखिरी फैसला हाई कोर्ट के निर्णय के अधीन रहेगा.
BPSC शिक्षक 1.70 लाख पर क्या प्रभाव पड़ेगा? जान लीजिए
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के दिशा-निर्देश के आलोक में ही बिहार प्राथमिक शिक्षक (कक्षा एक से पांच) नियुक्ति में बीएड (BEd) डिग्रीधारी को शर्तों के आधार पर मौका दिया जाता है। इसमें शर्त यह होती है कि नियुक्ति के दो वर्षों के अंदर छह माह का ब्रिज कोर्स करना होगा। इसी आधार पर पूर्व में बी. एड डिग्री करने वाले प्राथमिक शिक्षक बनते रहे हैं। वर्तमान में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के माध्यम से चल रही नियुक्ति प्रक्रिया में भी यही प्रावधान लागू है।
इस संदर्भ में उच्चतम न्यायालय की ओर से एक मामले में यह निर्णय लेना कि बी. एड वाले नहीं, सिर्फ डीएलएड डिग्री धारी ( DElEd / BTC / BSTC ) ही प्राथमिक (बेसिक) शिक्षक बन सकते हैं। उच्चतम न्यायालय इस निर्णय का बिहार में चल रही शिक्षक नियुक्ति में क्या बदलाव हो सकते हैं, के सवाल पर शिक्ष विभाग के पदाधिकारी बताते हैं कि यह एनसीटीई के दिशा-निर्देश पर निर्भर करता है। इस संबंध में आगे एनसीटीई कोई दूसरा निर्णय लेता है तो उसके आधार पर विभाग आगे कोई कार्रवाई करेगा।
वर्तमान चल रही नियुक्त प्रक्रिया में विभाग ने साफ कहा है कि एनसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान से बी. एड करने वाले भी कक्षा एक से पांच तक पढ़ाने के लिए योग्य माने जाएंगे। लेकिन, इस प्रकार स्कूल शिक्षक के रूप में नियुक्त अभ्यर्थी को नियुक्त होने के दो साल के भीतर एनसीईटी द्वारा मान्यता प्राप्त प्राथमिक शिक्षा में छह महीने का संवर्धन कोर्स (ब्रिज कोर्स) आवश्यक रूप से करना होगा। संबंधित शिक्षक को इस प्रशिक्षण को पूरा करने के लिए छह महीने का सवैतनिक अवकाश मान्य होगा। डी. एलएड डिग्री के आधार पर नियुक्त प्राथमिक शिक्षकों को यह संवर्धन कोर्स करने की आवश्यकता नहीं होगी।
बीपीएससी परीक्षा के माध्यम से अभ्यर्थियों का चयन करेगा दोस्तों आप को मालूम हो कि बीपीएससी के माध्यम से प्राथमिक शिक्षकों के 79 हजार 943 पदों पर नियुक्ति की जा रही है। इसके लिए आवेदन करने का समय समाप्त हो चुका है। बीपीएससी परीक्षा के माध्यम से अभ्यर्थियों का चयन करेगा। प्राथमिक शिक्षक के लिए न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ उच्चतर माध्यमिक तथा प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में द्विर्षीय डिप्लोमा अथवा न्यूनतम 45 प्रतिशत अंकों के साथ उच्चतर माध्यमिक एवं प्रारंभिक शिक्षा शास्त्रत्त् में द्विर्षीय डिप्लोमा जो राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद विनियम 2002 के अनुसार प्राप्त किया गया हो को अर्हता माना गया है। साथ ही 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक तथा बी. एड हो अथवा न्यूनतम 55 प्रतिशत अंकों अथवा उसके समकक्ष ग्रेड के साथ स्नातकोत्तर और तीन वर्षीय एकीकृत बीएड-एमएड हो ।
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